(श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम का यह प्रसिद्ध मन्दिर मथुरा में स्थित है, जिसकी पौराणिक मान्यता है। मन्दिर में 'दाऊजी', 'मदनमोहन' तथा अष्टभुज 'गोपाल' के श्रीविग्रह विराजमान हैं।))बलभद्र या बलराम श्री कृष्ण के सौतेले बड़े भाई थे जो रोहिणी के गर्भ से उत्पन्न हुए थे। बलराम, हलधर, हलायुध, संकर्षण आदि इनके अनेक नाम हैं। बलभद्र के सगे सात भाई और एक बहन सुभद्रा थी जिन्हें चित्रा भी कहते हैं। इनका ब्याह रेवत की कन्या रेवती से हुआ था।Balarama grew up with his younger brother Krishna with foster parents, in the household of the head of cowherds Nanda and his wife Yashoda. He was named Rama, but because of his great strength he was called Balarama, Baladeva, or Balabhadra, meaning Strong Rama. He was born on Shraavana Purnima or Raksha Bandhan.

       बलभद्र या बलराम श्री कृष्ण के सौतेले बड़े भाई थे जो रोहिणी के गर्भ से उत्पन्न हुए थे। 
       श्रीकृष्ण के पुत्र शांब जब दुर्योधन की कन्या लक्ष्मणा का हरण करते समय कौरव सेना द्वारा बंदी कर लिए गए तो बलभद्र ने ही उन्हें दुड़ाया थाl
  कृष्ण उनका विशेष सम्मान करते थे। बलराम जी भी श्रीकृष्ण की इच्छा का सदैव ध्यान रखते थे।
    बलवानों में श्रेष्ठ होने के कारण उन्हें बलभद्र भी कहा जाता है। बलराम जी साक्षात शेषावतार थे। बलराम जी बचपन से ही अत्यन्त गंभीर और शान्त थेl
बलराम जी का विवाह रेवती से हुआ था।

दाऊजी मन्दिर भगवान  श्रीकृष्ण  बड़े भाई बलराम  से सम्बन्धित है।मथुरा का सबसे प्राचीन मन्दिर माना जाता है। इस मन्दिर को 'गोपाल लालजी का मन्दिर' भी कहते हैं। मन्दिर में दाऊजी, मदन मोहन जी तथा अष्टभुज गोपाल के श्री विग्रह विराजमान हैं। दाऊजी या बलराम का मुख्य मथुरा के ही बलदेव में है। मन्दिर के चारों ओर सर्प की कुण्डली की भाँति परिक्रमा मार्ग में एक पूर्ण पल्लवित बाज़ार है। मन्दिर के पीछे एक विशाल कुण्ड भी है, जो 'बलभद्र कुण्ड' के नाम से वर्णित है। आज कल इसे 'क्षीरसागर' के नाम से पुकारा जाता है।

Comments

Popular posts from this blog

मुरलीधर की मथुरा !कृष्णजन्मभूमि,विश्राम घाट,गोकुल,बरसानाl

राधा जी किसका अवतार थी? जबकि भगवान श्री कृष्ण जी और श्री रुक्मणी जी को नारायण और लक्ष्मी जी को अवतार बताया गया है।राधाजी भगवान् श्रीकृष्ण जी में भक्ति भाव से वास करती हैं ना कि सांसारिक प्रेम रूप में।Rukmini or Rukmani (Sanskrit: रुक्मिणी) was princess of Vidarbha and she is the first and chief consort of Lord Krishna, the king of Dwaraka.

Shri Krishna or Kaliya Naag ki Katha.(कृष्ण और कालिया नाग की कथाl) (कालिया नाग मंदिर का है पौराणिक महत्व.)