Posts

Showing posts with the label worship/devotees/Arjuna/Krishna

2000 साल से भी पुराना है द्वारकाधीश मंदिरl

द्वारिकाधीश मंदिर, भी जगत मंदिर के रूप में जाना और कभी कभी वर्तनी द्वारिकाधीश, एक है हिंदू मंदिर भगवान के लिए समर्पित कृष्णा, जो नाम द्वारिकाधीश, या 'द्वारका के राजा' द्वारा यहां पूजा की जाती है। मंदिर भारत के गुजरात के द्वारका में स्थित है।   द्वारिकाधीश मंदिर,  नगरी आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित देश के 4 धामों में से एक है। यह मंदिर श्री कृष्ण को समर्पित है। पुरातात्त्विक खोज में सामने आया है कि यह मंदिर करीब 2,000 से 2200 साल पुराना है। इस मंदिर की इमारत 5 मंजिला है और इसकी ऊंचाई 235 मीटर है। यह इमारत 72 स्तंभों पर टिकी हुई है। ऐसा माना जाता है कि द्वारकाधीश मंदिर का निर्माण भगवान श्री कृष्ण के पोते वज्रभ ने करवाया था।

Spiritual self-care.

Spiritual self-care This involves having a sense of perspective beyond the day-to-day of life. Engage in reflective practices like meditation. Go on bush walks. Go to church/mosque/temple. Do yoga. Reflect with a close friend for support. जीवनशैली और माहौल में बदलाव, नौकरी में बदलाव, नियमित कसरत, योग, ध्यान, अपने शौक पूरे करने और नियमित रूप से अवकाश लेने से जीवन में संतुलन बना रहता है. इससे तनाव और दिल पर मंडराते खतरे भी दूर हो जाते हैं.

Temple

Krishna-Balaram Mandir is a Gaudiya Vaishnava temple in the holy city of Vrindavan. It is one of the main ISKCON temples in India and internationally.

मथुरा से 15 कि.मी. की दूरी पर वृन्दावन में भव्य एवं सुन्दर मंदिरों की बड़ी श्रृंखला इसे मंदिरों की नगरी बना देती है। मुख्य बाजार में बांके बिहारी जी का मंदिर सबसे अधिक लोकप्रिय है।

Image
वृन्दावन  मथुरा क्षेत्र में एक गांव है जो भगवान श्रीकृष्ण की लीला से जुडा हुआ है। यह स्थान श्री कृष्ण भगवान के बाल लीलाओं का स्थान माना जाता है। यह मथुरा से १५ किमी कि दूरी पर है। यहाँ पर श्री कृष्ण और राधा रानी के मन्दिरों की विशाल संख्या है। बिहारी जी का मंदिर बादामी रंग के पत्थरों एवं रजत स्तम्भों पर बना कारीगरी पूर्ण बांके बिहारी जी के मंदिर का निर्माण संगीत सम्राट तानसेन के गुरु स्वामी हरिदास ने करवाया था। जहां फूलों एवं बैंडबाजे के साथ प्रतिदिन आरती की जाती है जिसका दृश्य दर्शनीय होता है। मंदिर में दर्शन वैष्णव परम्परानुसार पर्दे में होते हैं। मंदिर भक्तगणों के दर्शन के लिए प्रातः 9 से 12 बजे तक एवं सायं 6 से 9 बजे तक मंदिर खुला रहता है।
Yoga philsophy of Hinduism is thus all about mastering mind to achieving liberation. In Raja yoga it puts up paths to be followed in order to make the mind in harmony and if you think about it, it is very practical.

(सबसे बड़ा भक्त ) Krishna says "If you single-pointedly worship me, I will take care of all your needs". (The greatest devotee that remains is Karma) ,(Four kinds of people engage in Lord Krishna's devotion—the distressed, the curious, the seekers of worldly possessions, and those who are situated in knowledge) (भागवत के अनुसार, भक्तों के तीन प्रकार हैं। "वह जो अपने प्रिय देवता को हर वस्तु में देखता है और इसके विपरीत होता है और फलस्वरूप सभी जगह परिपूर्णता की भावना रखता है। वह एक श्रेष्ठ भक्त है। वह जो भगवान से प्यार करता है और अपने भक्तों के प्रति दयालु है, वह अज्ञानी और अपने दुश्मनों के प्रति उदासीन है। एक निष्ठावान भक्त। वह, जो पारंपरिक विश्वास से है, छवियों में हरि की पूजा करता है, लेकिन उसके भक्तों या दूसरों के लिए कोई सम्मान नहीं है, वह एक भक्त है)

Image
One of the reason for the devotees facing problem is that lord wants his devotees to set a good example for mass of people by showing how a devotee faces difficulties and overcome them, so that the general people can take inspiration from them. Krishna  sometimes put  His devotees  through difficulties to purify them and to deepen their exclusive dependence and devotion. He may  do  so as an exchange of transcendental loving reciprocation, simply to intensify their feelings of dependence, longing and attachment to Him. अर्जुन को अहंकार हो गया कि वही भगवान के सबसे बड़े भक्त हैं। उनको श्रीकृष्ण ने समझ लिया। एक दिन वह अर्जुन को अपने साथ घुमाने ले गए।  रास्ते में उनकी मुलाकात एक गरीब ब्राह्मण से हुई। उसका व्यवहार थोड़ा विचित्र था। वह सूखी घास खा रहा था और उसकी कमर में तलवार लटक रही थी। अर्जुन ने पूछा, ‘‘आप तो अहिंसा के पुजारी हैं। जीव हिंसा के भय से सूखी घास खाकर अपना गुजारा करते हैं लेकिन फिर हिंसा का यह उपकरण तलवार क्यों आपके साथ है?’’  ब्राह्मण ने जवाब दिया, ‘‘मैं कुछ लोगों