राधा जी किसका अवतार थी? जबकि भगवान श्री कृष्ण जी और श्री रुक्मणी जी को नारायण और लक्ष्मी जी को अवतार बताया गया है।राधाजी भगवान् श्रीकृष्ण जी में भक्ति भाव से वास करती हैं ना कि सांसारिक प्रेम रूप में।Rukmini or Rukmani (Sanskrit: रुक्मिणी) was princess of Vidarbha and she is the first and chief consort of Lord Krishna, the king of Dwaraka.

   राधl प्रेम की पवित्र गहराई

कृष्ण के विराट को समेटने के लिए जिस राधा ने अपने हृदय को इतना विस्तार दिया कि सारा ब्रज उसका हृदय बन गया। इसलिए कृष्ण भी पूछते हैं- बूझत श्याम कौन तू गौरी ! किन्तु राधा और राधा प्रेम की थाह पाना संभव ही नहीं। कुरूक्षेत्र में उनके आते ही समस्त परिवेश बदल जाता है। रूक्मणि गर्म दूध के साथ राधा को अपनी जलन भी देती है। कृष्ण स्मरण कर राधा उसे एक सांस में पी जाती है। रूक्मणि देखती है कि श्रीकृष्ण के पैरों में छाले हैं, मानों गर्म खोलते तेल से जल गए हों। वे पूछती हैं ये फफोले कैसे ? कृष्ण कहते हैं - हे प्रिये ! मैं राधा के हृदय में हूं। तुम्हारे मन की जिस जलन को राधा ने चुपचाप पी लिया, वही मेरे तन से फूटी है। 

भगवान श्री कृष्ण ने राधा से विवाह इसलिए नहीं किया क्योंकि उसका आत्मा का बंधन था परमात्मा के साथ एक तरह से उनकी शादी आत्मा और परमात्मा की पहले ही हो चुकी थी फिर शादी करने की क्या जरूरत थी वह श्रीकृष्ण में लीन हो गई श्री कृष्ण राधा मिलन हो गए राधा कृष्ण बन गए


सनातन धर्म में रुके हुए जल को वरुण देव का प्रतीक माना गया है। जब गोपियां हर सुबह देव पूजा हेतु तालाब में स्नान करती थीं तो वे निर्वस्त्र हो जाती थीं एवं निर्वस्त्र होकर स्नान करना वरुण देव का अपमान है। इसी बाय पर सबक सिखाने हेतु श्रीकृष्ण ने गोपियों के वस्त्र चुराए एवं उन्हें बताया कि सबसे बड़ पाप तो आप निर्वस्त्र स्नान होकर कर रही हैं।

Rukmini
Rukmini, the princess of Vidarbha was Krishna's first wife and chief queen (Patrani) of Dwarka. She is considered as an avatar of Lakshmi, the goddess of wealth and Vishnu's chief consort. Satyabhama, the second wife, is considered the aspect of the earth-goddess Bhudevi and Vishnu's second wife.             
रुक्मिणी विदर्भ के राजा भीष्मक की पुत्री थी। रुक्मिणी अपनी बुद्धिमता, सौंदर्य और न्यायप्रिय व्यवहार के लिए प्रसिद्ध थीं। रुक्मिणीजी का पूरा बचपन श्रीकृष्ण की साहस और वीरता की कहानियां सुनते हुए बीता था। जब विवाह की उम्र हुई तो इनके लिए कई रिश्ते आए लेकिन इन्होंने सभी को मना कर दिया।

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