Posts

कलियुग में भगवान क्या कर रहे हैं? What is God doing in Kaliyug?

हिंदू धर्म में, कलियुग (वर्तमान युग, जिसे अक्सर नैतिक पतन और आध्यात्मिक पतन से जोड़ा जाता है) में ईश्वर की अवधारणा में कई दृष्टिकोण शामिल हैं, जो मुख्य रूप से इस विचार पर केंद्रित हैं कि ईश्वर नैतिक और आध्यात्मिक पतन के समय में भी ब्रह्मांड का मार्गदर्शन, सुरक्षा और संरक्षण करना जारी रखता है। 1. **संरक्षण और सुरक्षा**: हिंदू धर्मग्रंथों, विशेष रूप से भगवद गीता के अनुसार, भगवान कृष्ण आश्वासन देते हैं कि जब भी धार्मिकता में गिरावट और अधर्म में वृद्धि होगी, तो वे अवतार लेंगे। इस अवधारणा को "अवतार" के रूप में जाना जाता है और यह सुझाव देता है कि ईश्वर ब्रह्मांडीय व्यवस्था (धर्म) को बहाल करने के लिए विभिन्न रूप धारण करते हैं। 2. **शास्त्रों के माध्यम से मार्गदर्शन**: ऐसा माना जाता है कि ईश्वरीय मार्गदर्शन पवित्र ग्रंथों, संतों की शिक्षाओं और आध्यात्मिक नेताओं की उपस्थिति के माध्यम से जारी रहता है जो लोगों को धर्म का पालन करने में मदद करते हैं। भगवद गीता, वेद, उपनिषद और अन्य शास्त्र ज्ञान और नैतिक मार्गदर्शन के स्रोत के रूप में काम करते हैं।  3. **कल्कि अवतार**: हिंदू धर्मशास्त्र मे

हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे का अर्थ क्या है?

Image
अर्थ क्या है? हरे कृष्णा -हरे रामा में 'हरे' का क्या अर्थ होता है ?  हरे का अर्थ होता है विष्णु भगवान । हरि शब्द को राम और कृष्ण के लिए इसीलिए जोड़ा जाता है क्योंकि राम और कृष्ण भगवान विष्णु के ही अवतार हैं। इसीलिए हरे रामा और हरे कृष्ण के साथ विष्णु भगवान को भी याद करने के लिए हरे रामा और हरे कृष्ण बोला जाता है।

The phrases *Vaikuntha*and "Swarg" can have different meanings based on cultural or contextual background. In the context of Hindu or Indian mythology. तुम बैगुंड कैसे जाओगे? तुम स्वर्ग कैसे जाओगे?

वैकुंठऔर "स्वर्ग" वाक्यांशों के सांस्कृतिक या प्रासंगिक पृष्ठभूमि के आधार पर अलग-अलग अर्थ हो सकते हैं। हिंदू या भारतीय पौराणिक कथाओं के संदर्भ में: ** (वैकुंठ):** इसे भगवान विष्णु का निवास माना जाता है, जो हिंदू धर्म में सर्वोच्च देवता हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु की भक्ति, धार्मिक जीवन (धर्म) और अच्छे कर्मों के संचय के माध्यम से वैकुंठ तक पहुँचना संभव है। माना जाता है कि विष्णु के नामों का जाप करना, आध्यात्मिक अनुष्ठानों में शामिल होना और सदाचार और निस्वार्थ जीवन जीना जैसे अभ्यास व्यक्ति को वैकुंठ तक ले जाते हैं। - **स्वर्ग (स्वर्ग):** इसे एक स्वर्गीय क्षेत्र माना जाता है जहाँ आत्माएँ मृत्यु के बाद अपने अच्छे कर्मों (पुण्य) का फल भोगती हैं। स्वर्ग तक पहुँचने के लिए अच्छे कर्म करना, नैतिक जीवन जीना, धार्मिक अनुष्ठान करना और सकारात्मक कर्म संचित करना शामिल है। इसे अक्सर एक अस्थायी स्थान के रूप में देखा जाता है जहाँ आत्माएँ अपने कर्मों के आधार पर पुनर्जन्म लेने से पहले निवास करती हैं।  दोनों ही मामलों में, इन आध्यात्मिक क्षेत्रों की यात्रा एक भौतिक यात्रा की त

**स्व**एक संस्कृत शब्द है जिसके संदर्भ के आधार पर कई अर्थ होते हैं। यहाँ कुछ व्याख्याएँ दी गई हैं,

"स्व" एक संस्कृत शब्द है जिसके संदर्भ के आधार पर कई अर्थ होते हैं। यहाँ कुछ व्याख्याएँ दी गई हैं: 1. **स्व**: कई संस्कृत ग्रंथों में, "स्व" का अर्थ है स्वयं, अपना या अपना। इसका उपयोग स्वामित्व या पहचान को दर्शाने के लिए किया जाता है। 2. **स्वर्ग/स्वर्गीय क्षेत्र**: हिंदू ब्रह्मांड विज्ञान में, "स्व" (या "स्वर्ग") स्वर्गीय क्षेत्रों में से एक को संदर्भित करता है जहाँ आत्माएँ मृत्यु के बाद निवास करती हैं यदि उन्होंने अच्छे कर्म संचित किए हैं। 3. **हिंदू मंत्रों में**: "स्व" को विभिन्न मंत्रों और मंत्रों में पाया जा सकता है, जो अक्सर दिव्य या ब्रह्मांडीय तत्वों के प्रति श्रद्धा को दर्शाता है। यदि आप अधिक संदर्भ प्रदान करते हैं या क्षेत्र निर्दिष्ट करते हैं (जैसे दर्शन, धर्म, या भाषा विज्ञान), तो मैं अधिक विस्तृत व्याख्या दे सकता हूँ।

श्री अमरनाथजी यात्रा Shri Amarnathji Yatra Shri Amarnathji Yatra

Image
यात्रा पर उपयोगी सुझाव। यह यात्रा हर साल जुलाई और अगस्त के महीनों में जम्मू और कश्मीर सरकार द्वारा आयोजित की जाती है। यह मुख्य रूप से पहलगाम से निर्दिष्ट तिथियों पर शुरू होती है। हाल के वर्षों में बालटाल से मार्ग भी तीर्थयात्रियों के लिए पवित्र गुफा तक पहुँचने के लिए खोल दिया गया है। पोशाक तीर्थयात्रियों को स्वेटर, ड्रॉअर, ऊनी पतलून, बंदर टोपी आदि जैसे पर्याप्त ऊनी कपड़े ले जाने की सलाह दी जाती है। अन्य वस्तुओं में विंड चीटर, रेन कोट, स्लीपिंग बैग या कंबल, छाता, वाटरप्रूफ जूते/जूते, चलने की छड़ी, टॉर्च आदि शामिल हो सकते हैं। महिलाओं को सलाह दी जाती है कि वे साड़ी पहनकर ट्रेक पर न जाएँ, इसके बजाय पैंट या ड्रॉअर वाले सलवार सूट का उपयोग किया जाना चाहिए। आवश्यक गर्म कपड़े और विंड शील्ड और उचित जूते साथ रखें। आपको ऊँचे पहाड़ों से होकर ट्रेक करना होगा और ठंडी हवाएँ चल रही होंगी।  इसलिए यात्रा के दौरान ऊनी कपड़े, छोटा छाता (सिर को ढकने के लिए केवल एक इलास्टिक वाला कपड़ा, जिसे ठोड़ी के चारों ओर एक पट्टा से सहारा दिया जा सके), विंड शील्ड, रेनकोट, वाटरप्रूफ जूते (अधिमानतः हंटर जूते), टॉर्च, छ

Who is the real hero of the Mahabharata? महाभारत का असली नायक कौन है?

The Mahabharata is rich with complex characters, each with their own virtues and flaws. Depending on one's perspective, different characters could be seen as heroes. Some might consider Krishna for his guidance, Arjuna for his skill in battle, or Bhishma for his unwavering principles. It's a matter of interpretation and personal belief.                  महाभारत में कई जटिल चरित्र हैं, जिनमें से प्रत्येक के अपने गुण और दोष हैं। किसी के दृष्टिकोण के आधार पर, अलग-अलग पात्रों को नायक के रूप में देखा जा सकता है। कुछ लोग कृष्ण को उनके मार्गदर्शन के लिए, अर्जुन को युद्ध में उनके कौशल के लिए, या भीष्म को उनके अडिग सिद्धांतों के लिए नायक मान सकते हैं। यह व्याख्या और व्यक्तिगत विश्वास का मामला है।

क्या श्री कृष्ण फिर आएंगे?Will Shri Krishna come again?

-जब धर्म की हानि होगी, जब-जब अधर्म बढ़ेगा, तब-तब मैं (भगवान कृष्ण) बार-बार पृथ्वी पर आऊंगा, दुष्ट शक्तियों को पृथ्वी से हटाने के लिए और धर्म की रक्षा करने के लिए  , मैं (भगवान कृष्ण) पृथ्वी पर अवतरित होता हूं। हर युग में धर्म को अधर्म से बचाने और लोगों की रक्षा करने और फिर से धर्म की स्थापना करने के लिए।' यह एक धार्मिक और आध्यात्मिक विषय है जिसपर विभिन्न धार्मिक संप्रदायों में विश्वास होता है। कुछ लोग मानते हैं कि श्री कृष्ण फिर आएंगे, जबकि अन्य इसे धार्मिक श्रद्धा के रूप में देखते हैं। यह विषय व्यक्तिगत धार्मिक विश्वास पर निर्भर करता है। Whenever there is decline in Dharma, whenever Adharma increases, then I (Lord Krishna) will come to the earth again and again, to remove the evil forces from the earth and to protect Dharma, I (Lord Krishna) appear on the earth in every Yuga to save Dharma from Adharma and to protect the people and to establish Dharma again.' This is a religious and spiritual topic which is believed by different religious sects. Some people believe that Shri K

What can we leave in the hands of God?हम परमेश्वर के हाथ में क्या छोड़ सकते हैं?

What we leave in the hands of God often depends on personal beliefs, but it typically includes matters beyond our control or understanding, such as the outcomes of certain situations, our worries and anxieties, and the well-being of ourselves and loved ones. हम परमेश्वर के हाथों में क्या छोड़ते हैं, यह प्रायः व्यक्तिगत विश्वासों पर निर्भर करता है, लेकिन इसमें आमतौर पर हमारे नियंत्रण या समझ से परे मामले भी शामिल होते हैं, जैसे कि कुछ स्थितियों के परिणाम, हमारी चिंताएं और बेचैनी, तथा स्वयं हमारा और हमारे प्रियजनों का कल्याण।

आध्यात्मिक बुद्धि क्या है?What is Spiritual Intelligence?

  आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता का तात्पर्य जीवन में अर्थ, उद्देश्य और ज्ञान की भावना तक पहुँचने और उसे लागू करने की क्षमता से है, जो अक्सर मानव अस्तित्व के आध्यात्मिक या अस्तित्वगत पहलुओं से संबंधित होती है। इसमें अंतिम वास्तविकता, उद्देश्य और अंतर्संबंध के प्रश्नों को समझने और उनसे निपटने की क्षमता शामिल है, और इन अंतर्दृष्टियों को व्यक्तिगत विकास और कल्याण पर लागू करना शामिल है। Spiritual intelligence refers to the capacity to access and apply a sense of meaning, purpose, and wisdom in life, often related to spiritual or existential aspects of human existence. It involves the ability to understand and navigate questions of ultimate reality, purpose, and interconnectedness, and to apply these insights to personal growth and well-being.

श्री कृष्ण के अनुसार आत्मा क्या है What is the soul according to Shri Krishna?

   भगवद गीता में श्री कृष्ण ने आत्मा को शाश्वत और अविनाशी बताया है। वे सिखाते हैं कि आत्मा भौतिक शरीर से परे है और यह जन्म और मृत्यु से परे है। यह एक प्राणी का सार है, जो भौतिक दुनिया के परिवर्तनों से अछूता है। In the Bhagavad Gita, Shri Krishna describes the soul as eternal and indestructible. He teaches that the soul is beyond the physical body, and it transcends birth and death. It is the essence of a being, untouched by the changes of the material world.

Sadhguru chants Radha Ramana Mere...सद्गुरु ने गाया राधा रमण मेरे...

 "Radha Ramana Mere" is a beautiful chant often associated with devotion to Lord Krishna. It's a way to connect with the divine and immerse oneself in spiritual practice. राधा रमण मेरे" एक सुंदर मंत्र है जो अक्सर भगवान कृष्ण की भक्ति से जुड़ा होता है। यह ईश्वर से जुड़ने और आध्यात्मिक अभ्यास में खुद को डुबोने का एक तरीका है।

Why is Govind Dev Ji Temple famous?

Image
  One of the famous temples built by the king of Jaipur, Man Singh, in 1590 , the Govind Dev Temple is a fine architectural specimen constructed in red sandstone. Completed in almost five years, the structure boasts a sanctum sanctorum made of marble and decorated with gold and silver.

हम भगवान के लिए क्या कर सकते हैं?

 आप भगवान के लिए भक्ति, सेवा, और प्रेम का अद्भुत अभिव्यक्ति कर सकते हैं। यह आपके धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव को गहराई और सार्थकता देता है। आप भगवान के गुणों को आदर्श रूप में जीने की कोशिश कर सकते हैं और दूसरों को भी उनके प्रति आदरभाव और सम्मान का प्रकट उदाहरण देने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

आध्यात्मिक क्या है?

  आध्यात्मिक" संस्कृत का एक शब्द है, जिसका इस्तेमाल अक्सर हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और अन्य भारतीय आध्यात्मिक परंपराओं में किया जाता है। यह आत्मा या आंतरिक आत्म से संबंधित मामलों को संदर्भित करता है, जिसमें आध्यात्मिक विश्वास, अभ्यास और अनुभव शामिल हैं।

श्री कृष्ण या राधा

  श्री कृष्ण और राधा दोनों ही हिंदू धर्म में केंद्रीय पात्र हैं, जिन्हें अक्सर प्रेम, भक्ति और दिव्य मिलन से जोड़ा जाता है। श्री कृष्ण को भगवान विष्णु के आठवें अवतार के रूप में पूजा जाता है, जो भगवद गीता में उनकी शिक्षाओं और भक्तों के साथ उनके चंचल व्यवहार के लिए जाने जाते हैं। दूसरी ओर, राधा दिव्य प्रेम और भक्ति का प्रतीक हैं, जिन्हें अक्सर कृष्ण की पत्नी और शुद्ध, निस्वार्थ प्रेम के अवतार के रूप में दर्शाया जाता है। उन्हें अक्सर एक साथ पूजा जाता है, जो व्यक्तिगत आत्मा (आत्मा) के सर्वोच्च (ब्रह्म) के साथ दिव्य मिलन का प्रतिनिधित्व करते हैं।

"श्री कृष्ण का भजन" ।

 "श्री कृष्ण का भजन प्रकार के होते हैं, जैसे की कृष्ण भजन, मीराबाई के भजन, और अन्य साधना संगीत। यहाँ कुछ लोकप्रिय श्री कृष्ण भजनों का उल्लेख है: 1. "हरे कृष्ण हरे राम"  2. "मुरली मनोहर श्याम गोविंदा" 3. "श्याम तेरे चरणों में" 4. "राधे राधे बरसाने वाली राधे" 5. "बनो तेरे मुक़दे नींद उड़ गई है" आपकी रुचि और पसंद के अनुसार, आप इनमें से किसी को चुन सकते हैं।

श्री कृष्ण

  श्री कृष्ण हिंदू धर्म में एक केंद्रीय व्यक्ति हैं, जिन्हें भगवान विष्णु के आठवें अवतार के रूप में पूजा जाता है। वे भगवद गीता में अपनी शिक्षाओं और हिंदू धर्मग्रंथों और किंवदंतियों में दर्शाए गए अपने चंचल और दयालु स्वभाव के लिए जाने जाते हैं।

Sri Krsna Govinda Hare Murari.

 That's a beautiful chant praising Lord Krishna. It's often sung as a devotional mantra in Hindu tradition to invoke blessings and peace.

गोवर्धन

 श्री कृष्ण और गोवर्धन की कहानी हिंदी में इस प्रकार है - भगवान कृष्ण के जन्म से लेकर उनके बचपन, किशोरावस्था, और विशेष कृतियाँ उनकी जीवनी के अंश हैं। गोवर्धन पर्वत के बारे में उनकी कई कथाएं हैं, जो उनके लीलाओं को साकार करती हैं। एक प्रसिद्ध कथा में बताया गया है कि भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपने हाथों में उठाकर गोपों की सुरक्षा की थी, जब वे भयंकर वर्षा से बचने के लिए गोवर्धन पर्वत के नीचे शरण ली थी। यह घटना गोवर्धन पूजा का आधार बना।

ईश्वर का स्वरूप क्या है? What is the form of God?

 The concept of God's form varies greatly across different religious traditions. Some believe in a formless, transcendent God, while others envision God in anthropomorphic forms. In Christianity, for example, God is often depicted as a spirit or as the Holy Trinity (Father, Son, and Holy Spirit). In Hinduism, God can take various forms, including anthropomorphic deities like Brahma, Vishnu, and Shiva, as well as abstract concepts like Brahman. Ultimately, the form of God is a deeply theological and philosophical question that is interpreted differently by different religious traditions and individuals. ईश्वर के स्वरूप की अवधारणा विभिन्न धार्मिक परंपराओं में बहुत भिन्न होती है।  कुछ लोग निराकार, पारलौकिक ईश्वर में विश्वास करते हैं, जबकि अन्य ईश्वर की कल्पना मानवरूपी रूपों में करते हैं।  उदाहरण के लिए, ईसाई धर्म में, ईश्वर को अक्सर एक आत्मा या पवित्र त्रिमूर्ति (पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा) के रूप में चित्रित किया जाता है।  हिंदू धर्म में, ईश्वर विभिन्न रूप ले सकता है, जिसमें ब्रह्मा

What does God want from time to time?

 What does God want from time to time? The concept of what God wants can vary depending on religious beliefs and interpretations. Generally, many believe that God desires love, compassion, justice, and for people to live according to moral and ethical principles. However, specific beliefs about what God wants can differ among different religious traditions.

What is spiritual development?

 Spiritual development refers to the process of deepening one's understanding of oneself, one's connection to others, and the larger universe or higher power. It involves exploring questions of meaning, purpose, and existence, often through practices such as meditation, prayer, self-reflection, and engaging with philosophical or religious teachings. Spiritual development can lead to a greater sense of inner peace, compassion, and fulfillment, as well as a stronger sense of connection to something greater than oneself. It is a highly personal journey that can vary greatly from person to person.

सामाजिक और आत्मिक विकास के माध्यम

 मानव दृष्टिकोण से जीवन का उद्देश्य बहुतायता में है। यह उद्देश्य व्यक्ति के मूल्यों, स्वप्नों, और संबंधों में सुख, सामर्थ्य, और समृद्धि का अनुभव करना हो सकता है। व्यक्ति अपने सामाजिक और आत्मिक विकास के माध्यम से जीवन का उद्देश्य प्राप्त करता है, जिससे उसकी संतुष्टि और सफलता का मार्ग निर्धारित होता है। जीवन का उद्देश्य बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। यह हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकता है। किसी के लिए जीवन का उद्देश्य सफलता हो सकता है, तो किसी के लिए यह संबंधों में सुख और समृद्धि का अनुभव करना हो सकता है। व्यक्ति अपने आत्म-समझ, प्राथमिक दृष्टि और सामाजिक संदेशों के आधार पर अपने जीवन का उद्देश्य निर्धारित करता है।

धर्म

  राम धर्म का मतलब है वह धर्म जो भगवान राम के जीवन और उनके आदर्शों पर आधारित है। यह धर्म न्याय, सत्य, धर्म, और प्रेम के प्रति विश्वास को अभिव्यक्त करता है। रामायण में भगवान राम के जीवन के उदाहरणों को अनुसरण करके लोग राम धर्म का पालन करते हैं। कृष्ण धर्म का मतलब है वह धर्म जो भगवान कृष्ण के जीवन और उनके उपदेशों पर आधारित है। कृष्ण भगवान गीता में अर्जुन को दिए गए उपदेशों के माध्यम से धर्म की अद्वितीय अर्थ और महत्व को व्यक्त करते हैं। इसमें सेवा, भक्ति, और निःस्वार्थ कर्म का महत्व बताया जाता है।

श्री राम और श्री कृष्ण

 श्री राम और श्री कृष्ण में अंतर कई है। राम भगवान विष्णु के सातवें अवतार माने जाते हैं, जबकि कृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार कहलाते हैं। राम धर्म के प्रतीक माने जाते हैं, जबकि कृष्ण प्रेम और लीला के द्वारा प्रसिद्ध हैं।
  श्रीकृष्ण, हिन्दू धर्म में भगवान हैं।   वे विष्णु के 8वें अवतार माने गए हैं।   कन्हैया, माधव, श्याम, गोपाल, केशव, द्वारकेश या द्वारकाधीश, वासुदेव आदि नामों से भी उनको जाना जाता है । कृष्ण निष्काम कर्मयोगी, आदर्श दार्शनिक, स्थितप्रज्ञ एवं दैवी संपदाओं से सुसज्जित महान पुरुष थे।

Krishnaकृष्ण एक राजनीतिक सुधारक के रूप में।

Krishna कृष्ण एक राजनीतिक सुधारक के रूप में। कृष्ण सुरसेन साम्राज्य के राजा कंस को उखाड़ फेंकने में प्रमुख राजनीतिक व्यक्ति थे। ... मगध के शासक जरासंध ने कई बार सुरसेन पर हमला किया और उसकी सेना को कमजोर कर दिया। कृष्ण और अन्य यादव प्रमुखों ने अपनी पकड़ बनाए रखने की पूरी कोशिश की। भगवान कृष्ण को "सोलह कला सम्पूर्ण" और "पूर्ण पुरुषोत्तम" माना जाता है। उन्होंने एक चरवाहे, एक महान गुरु, एक आज्ञाकारी और प्रतिभाशाली छात्र, एक महान राजा, एक रक्षक, एक आदर्श मित्र, एक दार्शनिक, एक कुशल सारथी, एक मास्टर बांसुरी वादक के रूप में काम किया। उन्होंने नारद को वीणा बजाने की कला सिखाई।  as a political reformer. Krishna was the key political figure in overthrowing Kansa, the king of Surasena Kingdom. ... The ruler of Magadha, Jarasandha, attacked Surasena many times and weakened its military. Krishna and other Yadava chiefs all tried their best to hold on. Lord Krishna is regarded as “Solah Kala Sampoorna” and “Poorna Purushottam”. He acted as a cowherd, a legendary guru, an obedient

मुरलीधर की मथुरा !कृष्णजन्मभूमि,विश्राम घाट,गोकुल,बरसानाl

Image
मथुरा यमुना नदी के पश्चिमी तटपर बसे विश्व के प्राचीन शहरों में मथुरा एक शहर है । यह शहर भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का केंद्र रहा है । भारत के सात प्राचीन नगर अयोध्या, मथुरा, हरिद्वार, काशी, कांची, अवंतिका और द्वारका में से एक है मथुरा । इस शहर का इतिहास बहुत ही पुराना है । मथुरा जिले में चार तहसीलें हैं – मांट, छाता, महावन और मथुरा । इसके दस विकास खंड हैं – नंदगांव, छाता, चौमुहां, गोवर्धन, मथुरा, फरह, नौहझील, मांट, राया और बलदेव । जिले का भौगोलिक क्षेत्रफल ३३२९.४ वर्ग कि.मी. है । प्राचीन काल में यह शूरसेन देश की राजधानी थी । वाल्मीकि रामायण में मथुरा को मधुपुर या मधुदानव का नगर कहा गया है । मंदिर, कुंड, जंगल और घाटों के शहर मथुरा के आसपास बसे स्थानों में प्रमुख हैं, गोकुल, वृंदावन, ब्रज मंडल, गोवर्धन पर्वत, बरसाना, नंदगांव और यमुना के घाट तथा जंगल । मथुरा और उसके आसपास के प्रसिद्ध मंदिर हैं – कृष्णकेशवदेव मंदिर, कालिन्दीश्वर महादेव, दाऊजी मंदिर, दीर्घ विष्णु मंदिर, द्वारिकाधीश मंदिर, पद्मनाभजी का मंदिर, पीपलेश्वर महादेव, बलदाऊजी, श्रीनाथजी भंडार आदि ।   प्रमुख क

राधा जी किसका अवतार थी? जबकि भगवान श्री कृष्ण जी और श्री रुक्मणी जी को नारायण और लक्ष्मी जी को अवतार बताया गया है।राधाजी भगवान् श्रीकृष्ण जी में भक्ति भाव से वास करती हैं ना कि सांसारिक प्रेम रूप में।Rukmini or Rukmani (Sanskrit: रुक्मिणी) was princess of Vidarbha and she is the first and chief consort of Lord Krishna, the king of Dwaraka.

Image
   राधl प्रेम की पवित्र गहराई कृष्ण के विराट को समेटने के लिए जिस राधा ने अपने हृदय को इतना विस्तार दिया कि सारा ब्रज उसका हृदय बन गया। इसलिए कृष्ण भी पूछते हैं- बूझत श्याम कौन तू गौरी ! किन्तु राधा और राधा प्रेम की थाह पाना संभव ही नहीं। कुरूक्षेत्र में उनके आते ही समस्त परिवेश बदल जाता है। रूक्मणि गर्म दूध के साथ राधा को अपनी जलन भी देती है। कृष्ण स्मरण कर राधा उसे एक सांस में पी जाती है। रूक्मणि देखती है कि श्रीकृष्ण के पैरों में छाले हैं, मानों गर्म खोलते तेल से जल गए हों। वे पूछती हैं ये फफोले कैसे ? कृष्ण कहते हैं - हे प्रिये ! मैं राधा के हृदय में हूं। तुम्हारे मन की जिस जलन को राधा ने चुपचाप पी लिया, वही मेरे तन से फूटी है।  भगवान श्री कृष्ण ने राधा से विवाह इसलिए नहीं किया क्योंकि उसका आत्मा का बंधन था परमात्मा के साथ एक तरह से उनकी शादी आत्मा और परमात्मा की पहले ही हो चुकी थी फिर शादी करने की क्या जरूरत थी वह श्रीकृष्ण में लीन हो गई श्री कृष्ण राधा मिलन हो गए राधा कृष्ण बन गए सनातन धर्म में रुके हुए जल को वरुण देव का प्रतीक माना गया है। जब गोपियां हर सुबह देव पूजा हेतु तालाब

सदियों से गोवर्धन पर्वत लोगों की आस्था का केन्द्र है। यहां दूर दूर से श्रद्धालु सप्तकोसी परिक्रमा करने आते हैं। जहां तक हो सके सांसारिक बातों को त्याग कर पवित्र अवस्था में हरिनाम व भजन कीर्तन करते हुए ही परिक्रमा लगानी चाहिये। पहुँचें:_ जिला मुख्यालय मथुरा से मात्र २० किलोमीटर की दूरी पर है और हर समय मथुरा से जीप/बस/टेक्सी उपलब्ध रहते हैं। राजस्थान के अलवर शहर से १२० किलोमीटर की दूरी पर, अलवर-मथुरा मार्ग पर स्थित, अलवर से कई बसें उपलब्ध हैं। निकटतम बड़ा रेलवे स्टेशन- मथुरा जंक्शन है।कहां ठहरें :_गोवर्धन एवं जतीपुरा में कई धर्मशालाएं एवं होटल हैं जहां रुकने एवं भोजन की व्यवस्था हो जाती है। यद्यपि भक्तों का यहां हमेशा ही आना जाना लगा रहता है परंतु पूर्णिमा के आस पास यह संख्या अत्यंत बढ़ जाती है। उस समय पर प्रदेश सरकार अतिरिक्त व्यवस्था मुहैया कराती हैl

Image
  Do not do the Parikrama alone. Take at least one for support or other emergencies. Govardhan Hill is a small mound today, hardly even noticeable.  A curse is making it sink into the ground every year and so one day it is going to be legend. Near one of the Kunds there is also a shrine and footprints where Krishna is believed to have actually stood and lifted the hill. Along the Parikarama route there are several holy places like the Radha Kund, Manasi Ganga and Kusum Sarovar where the water is so holy it was actually recommended to just sprinkle a few drops on the heads of pilgrims.     पर्वत के चारों तरफ से गोवर्धन शहर और कुछ गांवों को देखा जा सकता है। इसके पहले हिस्से में जतीपुरा—मुखारविंद मंदिर, पूंछरी का लौठा प्रमुख स्थान है तो दूसरे हिस्से में राधाकुंड, श्याम कुंड और मानसी गंगा प्रमुख स्थान है।  गोवर्धन पर्वत   उत्तर प्रदेश  के  मथुरा  जिले के अंतर्गत एक नगर पंचायत है। गोवर्धन व इसके आसपास के क्षेत्र को  ब्रज भूमि  भी कहा जाता है।

Shri Krishna or Kaliya Naag ki Katha.(कृष्ण और कालिया नाग की कथाl) (कालिया नाग मंदिर का है पौराणिक महत्व.)

Image
कालिया नाग के विष के कारण यमुना नदी के आसपास का सारा इलाका जहरीला हो गया था. यमुना नदी के पानी के वाष्प और बुलबुले भी इतने जहरीले हो गए थे की नदी के ऊपर उड़ने वाले पक्षीओ की भी मृत्यु हो जाती थी. भगवान श्रीकृष्ण एक दिन अपने सखा ग्वालबालों के साथ यमुना तट पर गये। सारी गौ और ग्वालबालों का गर्मी के कारण प्यास से गला सूख रहा था, इसलिये उन्होनें यमुना जी का विषैला जल पी लिया। उस विषैले जल को पीते ही सब गोएँ और ग्वालबालों का शरीर शांत हो गया। उन्हें ऐसी अवस्था में देखकर उनके  सर्वस्व श्रीकृष्ण ने अपनी अमृत बरसाने वाली दृष्टि से उन्हें जीवित कर दिया।  चेतना आने पर वे सब यमुना जी के तट पर उठ खड़े हुए और आश्चर्यचकित होकर एक-दूसरे को देखने लगे। अन्त में उन्होनें यही निश्चय किया कि हम लोग विषैला जल पी लेने के कारण मर चुके थे, परंतु हमारे  श्रीकृष्ण ने अपनी अनुग्रह भरी दृष्टि से देखकर हमें फिर से जिन्दा कर दिया है । भगवान का अवतार तो दुष्टों का दमन करने के लिये ही होता है।  जब भगवान ने देखा उस साँप के विष का वेग बड़ा भंयकर है और उससे यमुना जी भी दूषित हो गयी हैं, तब  भगवान श्रीकृष्ण अपन

जब श्री कृष्ण यशोदा मईया से हो गए नाराजl संसार में किसी को प्राप्त नहीं माता यशोदा जैसा वात्सल्य सुख (And Krishna addresses Yasoda as 'mother.' Can a woman be more blessed than this)

Image
भगवान ने अपनी इस लीला के माध्यम से हमें बताया की वे छोटे से गोपाल के रूप में होते हुए भी अनन्त हैं। साथ ही भक्त-वत्सल भी हैं। अपनी वात्सल्य रस की भक्त माता यशोदा की इच्छा पूरी करने के लिए वे लीला-पुरुषोत्तम जब बंधे तो पहली रस्सी से ही बंध गए बाकी रस्सियों का ढेर यूं ही पड़ा रहा। इस लीला के बाद से ही भगवान श्रीकृष्ण का एक नाम हो गया दामोदर।(Rope leaves a scar around His hip, and hence He acquires the name Damodara.)     भगवान ने अपने भक्तों की इच्छा के अनुसार रूप तो अनेक धारण किए, परन्तु उनको छड़ी लेकर ताड़ना देने का सौभाग्य केवल माता यशोदा को ही प्राप्त हुआ। ऐसा सुख, ऐसा वात्सल्य संसार में किसी को न तो प्राप्त हुआ है और न ही होगा। भगवान श्रीकृष्ण ने माखन लीला, गोवर्धन धारण समेत अनेक लीलाओं से यशोदा मैया को अपार सुख प्रदान किया। एक बार बाल कृष्ण ने मिट्टी खा ली, यह देखकर माता यशोदा उनका मुख खुलवाकर देखने लगीं। संपूर्ण ब्रह्मांड ही उन्हें अपने लला के मुख में दिखाई दिया तो वह आश्चर्यचकित रह गईं। 11 वर्ष छह माह तक माता यशोदा का महल भगवान श्रीकृष्ण की किलकारियों से गू
Image

सुख-शांति ही नहीं सेहत के लिए भी फायदेमंद हैं कान्हा की बांसुरी,शास्त्रों के अनुसार गोकुल में गायों को चराने के दौरान भगवान कृष्ण कदंब के वृक्ष नीचे बैठकर बांसुरी बजाया करते थे, उनकी बांसुरी की मधुर धुन सुनकर गाय उनके पास आ जाती। सिर्फ गाय ही नहीं, गोपियों को भी उनकी बांसुरी की धुन मोहित कर देती थी। यमुना के किनारे कदंब के काफी वृक्ष हुआ करतेl

Image
       शिवजी भगवान श्री कृष्ण से मिलने गोकुल पंहुचे तो उन्होंने श्री कृष्ण को भेट स्वरूप वह बंसी प्रदान की। उन्हें आशीर्वाद दिया तभी से भगवान श्री कृष्ण उस बांसुरी को अपने पास रखते हैं।                            भगवान विष्णु का अवतार माने जाने वाले श्री कृष्ण जी को बांसुरी बहुत प्रिय थी। वह अपने साथ सदा इसे रखते थे। इसी वजह से शास्त्रों में बांसुरी को विशेष स्थान प्राप्त है। यहां तक कि वास्तु शास्त्र के अनुसार बांसुरी को घर में रखना बहुत शुभ माना जाता है। वास्तु के मुताबिक बांसुरी को घर में रखने से हर तरह की नकारत्मक शक्ति घर से दूर रहती है। इसके अलावा बांसुरी और भी कई तरीकों से घर के लिए शुभ मानी जाती है। आइए जानते हैं कैसे... घर में बनाए रखे सुख-शांति भगवान कृष्ण सभी को बांसुरी की मधुर धुन से मोहित कर लिया करते थे। राधा के साथ उनका लगाव भी इसी बांसुरी के जरिए हुआ था। अगर आपके घर में अशांति का माहौल है या फिर आपकी अपने पार्टनर से बहस या लड़ाई होती है तो आपको भी अपने घर में श्री कृष्ण की बांसुरी रखनी चाहिए। बांस से बनी बांसुरी आपके लिए बहुत शुभ रहेगी। नेगेटिव एनर्जी होगी द

(Kaise Kiya Bhagwan Shri Krishna Na Bakasur Ka Sanhar)कैसे किया भगवान श्री कृष्ण ने बकासुर का संहारVatsasura, Bakasura and Aghasur Vadh(killed) in hindi

Image
भगवान श्री कृष्ण के जन्म के बाद कंस ने उन्हें मारने के अनेंकों प्रयास किए थे। लेकिन वह अपने किसी भी प्रयास में सफल नही हो पाया। कंस ने भगवान श्री कृष्ण को मारने के लिए उन्हीं मे एक असुर बकासुर को भेजा।बकासुर कंस की आज्ञा पाकर आकाश मार्ग से होते हुए गोकुल में पहुंचा। वहां जाकर बकासुर ने भगवान श्री कृष्ण को मारने के लिए बगुले का रूप धारण किया था। इसी कारण से उसे 'बकासुर' नाम दिया गया। भगवान श्री कृष्ण उस समय अपनी गाय को चराने के लिए जंगल में गए थे। भगवान श्री कृष्ण दोपहर के समय भोजन करने के बाद एक पेड़ की नीचें विश्राम कर रहे थे। उनकी गाय भी वहीं घास चर रही थी। भगवान श्री कृष्ण के कुछ साथी वहीं यमुना नदी में पानी पीने के लिए गए थे। जब भगवान श्री कृष्ण के साथी वहां पानी पीने गए तो उन्होंने एक भयानक जीव को देखा और वह चीखने लगे। जब जीव एक बगुला था। लेकिन उसका आकार बहुत बड़ा था। उसका मुंह और चोंच अत्यंत ही बड़ी थी। लोगों ने इस प्रकार का बगुला कभी नही देखा था।  जिसके बाद भगवान श्री कृष्ण उस और दौड़ पड़े जहां से उन्हें चीख पुकार सुनाई दे रही थी। जब भगवान श्री कृष्ण यमुना नद

इतनी गोपियां क्योंlकृष्ण ने गोपी के वस्त्र क्यूं चुराएl (Gopi cheer(vastra) haran Leela)

Image
 इतनी गोपियां क्यों? कृष्ण को लेकर एक सवाल पूछा जा रहा है कि आखिर इतनी गोपियां क्यों? कृष्ण के पास इतनी गोपियां थी क्योंकि गोपियां कृष्ण की भक्ति के कारण परमात्मा में लीन होना चाहती थीं. कई लोककथाओं में इन गोपियों को जीवात्मा भी कहा जाता है जो परमात्मा से मिलना चाहती थीं. रास लीला को भी लोग गलत तरह से लेते हैं और इसे भी एक दैवीय घटनाक्रम ही मानना चाहिएl   ( गोपियों का श्री कृष्ण के प्रति जो प्रेम थ l)गll"पियों का श्री कृष्ण के प्रति जो प्रेम था, उसमें भोग की वासना का लेश भी नहीं थाlकृष्ण ने अपने साहचर्य एवं संसर्ग से गोपियों को इन्द्रियों के परे ले जाकर उस शाश्वत्‌ आनन्द की झलक दिखलाई।" राधा रानी संग गोपियां स्नान करने के लिए यमुना के जल में नहाने जाती हैं। गोपियां जल में अठखेलियां करती हैं। जो भगवान श्रीकृष्ण को नागवार गुजरता है। गोपियों को अपने तरफ ध्यान आकृष्ट करने के लिए मधुर स्वर में बासुरी बजाते हैं। बासुरी के धुन सुनकर गोप कन्याओं का तंद्रा भंग होती है। वे इधर-उधर देखती हैं। सहसा उनका ध्यान कदम्ब के वृक्ष पर जाता है। जहां भगवान श्रीकृष्ण उनका वस्त्र लिये मंद-मंद मुस्कु
Dear sir we are Ready to cope... with the situation but how long.. it's very hard to do such things for long time..we need vaccination sooner ..more difficult for middle class people  and private teachers they can't be in line and nobody cares for them..plz sir find some more ways.

भगवान कृष्‍ण के मित्र होते हुए भी क्‍यों थे सुदामा इतने गरीब…( Krishna Sudama story. )

Image
देवताओं के ऋषि को सांदीपनि कहा जाता है। वे भगवान  कृष्ण , बलराम और  सुदामा के गुरु थे ।  गुरु  ने  श्रीकृष्ण  से दक्षिणा के रूप में अपने पुत्र को मांगा, जो शंखासुर राक्षस के कब्जे में था।        सुदामा जी भगवन श्री कृष्ण के परम मित्र तथा भक्त थे। वे समस्त वेद-पुराणों के ज्ञाता और विद्वान् ब्राह्मण थे। श्री कृष्ण से उनकी मित्रता ऋषि संदीपनी के गुरुकुल में हुई। सुदामा जी अपने ग्राम के बच्चों को शिक्षा प्रदान करते थे और अपना जीवन यापन ब्राह्मण रीति के अनुसार वृत्ति मांग कर करते थे।    उज्जैन (अवंतिका) में स्थित ऋषि सांदीपनि के आश्रम में बचपन में भगवान श्रीकृष्ण और बलराम पढ़ते थे। वहां उनके कई मित्रों में से एक सुदामा भी थे। सुदामा के बारे में बहुत कुछ लिखा गया है। कहते हैं कि सुदामा जी शिक्षा और दीक्षा के बाद अपने ग्राम अस्मावतीपुर (वर्तमान पोरबन्दर) में भिक्षा मांगकर अपना जीवनयापन करते थेl         Sudama was a Brahmin childhood friend of  Hindu deity   Krishna  from  Mathura , the story of whose visit to  Dwaraka  to meet Krishna is mentioned in the  Bhagavata Purana . [1]  H

हरे रामा, हरे रामा, हरे कृष्णा, हरे कृष्णाl(lword "Hare" refers to the divine feminine potency of God. "Krishna" means the all-attractive one, and "Rama" is the reservoir of all pleasure)

Image
       The  Hare  Krishna mantra, also referred to reverentially as the Maha Mantra ("Great Mantra"), is a 16-word Vaishnava mantra which is mentioned in the Kali-Santarana Upanishad and which from the 15th century rose to importance in the Bhakti movement following the teachings of Chaitanya Mahaprabhu.                                     हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे। हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे॥ उपरोक्त मंत्र की विधि अत्यंत ही सरल है। आप सिर्फ रात-दिन जब भी समय मिले, इस मंत्र का जप शुरू कर दें और प्रभु से प्रेम रखें। लगन लगाकर जप करें। शनैः शनैः जैसे-जैसे जपकर्ता के जप अधिकाधिक होंगे, वैसे-वैसे ही सुख की ओर अग्रसर होंगे।                                                                         हरे कृष्ण मंत्र कलि संतारण उपनिषद में वर्णित एक मंत्र है जिसे वैष्णव लोग 'महामन्त्र' कहते हैं। १५वीं शताब्दी में चैतन्य महाप्रभु के भक्ति आन्दोलन के समय यह मंत्र प्रसिद्ध हुआ। इसको रघुनंदन भट्टाचार्य ने लिखा था नवाव हुसैन शाह के आदेश पर । यह मंत्र निम्

Shri Madan Mohan Temple, Vrindavan मदन मोहन मन्दिर, वृंदावन

Image
वृन्दावन  के अन्य  मंदिरों  में श्री राधा मोहन  मंदिर , कालीदह, सेवाकुंज, अहिल्या टीला, ब्रह्म कुण्ड, श्रृंगारवट, चीर घाट, गोविन्द देव  मंदिर , काँच का  मंदिर  गोपेश्वर  मंदिर  एवं सवा मन सालिग्राम  मंदिर  आदि भी दर्शनीय हैं।                 महाप्रभु चैतन्य का प्रवासl 15वीं शती में चैतन्य महाप्रभु ने अपनी ब्रजयात्रा के समय वृन्दावन तथा कृष्ण कथा से संबंधित अन्य स्थानों को अपने अंतर्ज्ञान द्वारा पहचाना l       1.गोविंददेव मंदिर.         . वर्तमान वृन्दावन में प्राचीनतम मंदिर राजा मानसिंह का बनवाया हुआ है। यह मुग़ल सम्राट अकबर के शासनकाल में बना था। मूलत: यह मंदिर सात मंजिलों का था। ऊपर के दो खंड औरंगज़ेब ने तुड़वा दिए थे। कहा जाता है कि इस मंदिर के सर्वोच्च शिखर पर जलने वाले दीप मथुरा से दिखाई पड़ते थे।    2.   यहाँ का विशालतम मंदिर .रंगजी के नाम से प्रसिद्ध है। यह दाक्षिणत्य शैली में बना हुआ है। इसके गोपुर बड़े विशाल एवं भव्य हैं। यह मंदिर दक्षिण भारत के श्रीरंगम के मंदिर की अनुकृति जान पड़ता है। वृन्दावन के दर्शनीय स्थल हैं- निधिवन (हरिदास का निवास कुंज), कालिय

छोटा-सा उपाय दूर कर देगा पूरे परिवार का दुख-दर्द, घर में जल्द बन जाएगा सुख शांति का वातावरणl (Hindus perform hawans (fire ceremonies) in which they throw ghee and rice (as oblation) ... Such scholar may be an atheist or confused about the relationship between God and life.) (पति पत्नी के बीच विवाद )

Image
छोटा-सा उपाय दूर कर देगा पूरे परिवार का दुख-दर्द, घर में जल्द बन जाएगा सुख  शांति  का वातावरण घर में सुबह सुबह कुछ देर के लिए भक्ति गीत, भजन अवश्य करें या बजायें । Puja  should be always performed by facing towards East or North. Consider praying between 6 am to 8 am in the morning. Always consider a woolen mat for prayer. Light diya in the morning as well as evening every day in your  puja  place. घरेलू  झगड़ा रोकने  के लिए बुधवार को गणेश भगवान का  उपाय  करें। मंदिर में जाकर शुद्ध घी के मोतीचूर के लड्डू चढ़ा दें। चाहे तो लड्डू में चिरोंजी, तुलसी और चना मिलाकर चढ़ाएं। बाकी बचे प्रसाद को  घर  के सभी लोगो को खिलाएं इससे  घर  में कभी  लड़ाई  नहीं होगी। अपने  घर  में पूजा पाछ हमेशा सुबह 6 से 8 बजे के बीच भूमि पर कुश का आसन बिछाकर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके रोज करें । ऐसा करने से  सुख  समृद्धि बना रहेगी ।                4.हमेशा  घर  में बनी हुई पहली रोटी गाय के    लिए जरूर निकालें ।                          5.अपने  घर  के पूजा स्थल में सदैव जल से भरा एक कलश जरूर रखें l

स्वयंवर सभा में राजकुमारी द्रौपदीlDraupadi (Sanskrit: द्रौपदी, lit. Daughter of Drupada), also referred as Panchalī, is one of the most important females in the Hindu epic, Mahabharata. She was the daughter of King Drupada of Panchal, and wife of the Pandavas who fought their cousins, the Kauravas in the great Kurukshetra War.

Image
    स्वयंवर सभा में अनेक देशों के राजा-महाराजा एवं राजकुमार पधारे हुये थे कुछ ही देर में राजकुमारी द्रौपदी हाथ में वरमाला लिये अपने भाई धृष्टद्युम्न के साथ उस सभा में पहुँचीं। धृष्टद्युम्न ने सभा को सम्बोधित करते हुये कहा, "विभिन्न देश से पधारे राजा-महाराजाओं एवं अन्य गणमान्य जनो जो ऊपर घूमती हुई मछ्ली की आँख को नीचे तेल से भरे पात्र में देखकर भेद सकेगा उस वीर से मेरी बहन द्रौपदी का विवाह होगा।" कौरवों के असफल होने पर  कर्ण  ने निशाना साधने के लिए जैसे ही धनुष उठाया ,तभी द्रौपदी ने श्री कृष्ण के इशारे पर कर्ण को सुत पुत्र कहकर विवाह के लिए मना कर दिया । तब श्री कृष्ण के आदेश पर एक ब्राह्मण को राजकुमारी ने प्राप्त करना चाहा। अर्जुन ने तैलपात्र में प्रतिबिम्ब को देखते हुये एक ही बाण से निशाना लगा डाला। एक ब्राह्मण के गले में द्रौपदी को वरमाला डालते सोचने के बाद समस्त क्षत्रिय राजा-महाराजा एवं राजकुमारों ने क्रोधित हो कर अर्जुन पर आक्रमण कर दिया। पाण्डवों तथा क्षत्रिय राजाओं में घमासान युद्ध होने लगा। नकुल और सहदेव तब कुंती को यहां ले आएं।राजा द्रुपद ने बताया कि वह उ

(श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम का यह प्रसिद्ध मन्दिर मथुरा में स्थित है, जिसकी पौराणिक मान्यता है। मन्दिर में 'दाऊजी', 'मदनमोहन' तथा अष्टभुज 'गोपाल' के श्रीविग्रह विराजमान हैं।))बलभद्र या बलराम श्री कृष्ण के सौतेले बड़े भाई थे जो रोहिणी के गर्भ से उत्पन्न हुए थे। बलराम, हलधर, हलायुध, संकर्षण आदि इनके अनेक नाम हैं। बलभद्र के सगे सात भाई और एक बहन सुभद्रा थी जिन्हें चित्रा भी कहते हैं। इनका ब्याह रेवत की कन्या रेवती से हुआ था।Balarama grew up with his younger brother Krishna with foster parents, in the household of the head of cowherds Nanda and his wife Yashoda. He was named Rama, but because of his great strength he was called Balarama, Baladeva, or Balabhadra, meaning Strong Rama. He was born on Shraavana Purnima or Raksha Bandhan.

Image
       बलभद्र या  बलराम  श्री कृष्ण के सौतेले बड़े भाई थे जो रोहिणी के गर्भ से उत्पन्न हुए थे।         श्रीकृष्ण के पुत्र शांब जब दुर्योधन की कन्या लक्ष्मणा का हरण करते समय कौरव सेना द्वारा बंदी कर लिए गए तो बलभद्र ने ही उन्हें दुड़ाया थाl   कृष्ण उनका विशेष सम्मान करते थे। बलराम जी भी श्रीकृष्ण की इच्छा का सदैव ध्यान रखते थे।     बलवानों में श्रेष्ठ होने के कारण उन्हें  बलभद्र  भी कहा जाता है। बलराम जी साक्षात  शेषावतार  थे। बलराम जी बचपन से ही अत्यन्त गंभीर और शान्त थेl बलराम जी का विवाह रेवती से हुआ था। दाऊजी मन्दिर  भगवान  श्रीकृष्ण  बड़े भाई  बलराम   से सम्बन्धित है।मथुरा का सबसे प्राचीन मन्दिर माना जाता है। इस मन्दिर को 'गोपाल लालजी का मन्दिर' भी कहते हैं। मन्दिर में दाऊजी, मदन मोहन जी तथा अष्टभुज गोपाल के श्री विग्रह विराजमान हैं। दाऊजी या बलराम का मुख्य मथुरा के ही बलदेव में है। मन्दिर के चारों ओर सर्प की कुण्डली की भाँति परिक्रमा मार्ग में एक पूर्ण पल्लवित बाज़ार है। मन्दिर के पीछे एक विशाल कुण्ड भी है, जो 'बलभद्र कुण्ड' के नाम से वर्णित है। आज कल इ

2000 साल से भी पुराना है द्वारकाधीश मंदिरl

द्वारिकाधीश मंदिर, भी जगत मंदिर के रूप में जाना और कभी कभी वर्तनी द्वारिकाधीश, एक है हिंदू मंदिर भगवान के लिए समर्पित कृष्णा, जो नाम द्वारिकाधीश, या 'द्वारका के राजा' द्वारा यहां पूजा की जाती है। मंदिर भारत के गुजरात के द्वारका में स्थित है।   द्वारिकाधीश मंदिर,  नगरी आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित देश के 4 धामों में से एक है। यह मंदिर श्री कृष्ण को समर्पित है। पुरातात्त्विक खोज में सामने आया है कि यह मंदिर करीब 2,000 से 2200 साल पुराना है। इस मंदिर की इमारत 5 मंजिला है और इसकी ऊंचाई 235 मीटर है। यह इमारत 72 स्तंभों पर टिकी हुई है। ऐसा माना जाता है कि द्वारकाधीश मंदिर का निर्माण भगवान श्री कृष्ण के पोते वज्रभ ने करवाया था।

Spiritual self-care.

Spiritual self-care This involves having a sense of perspective beyond the day-to-day of life. Engage in reflective practices like meditation. Go on bush walks. Go to church/mosque/temple. Do yoga. Reflect with a close friend for support. जीवनशैली और माहौल में बदलाव, नौकरी में बदलाव, नियमित कसरत, योग, ध्यान, अपने शौक पूरे करने और नियमित रूप से अवकाश लेने से जीवन में संतुलन बना रहता है. इससे तनाव और दिल पर मंडराते खतरे भी दूर हो जाते हैं.

कोरोना के बाद कि दुनिया अजीब हो जाएगी,भगवान श्री कृष्ण ने कहा भी था परिवर्तन संसार का नियमl

भगवान श्री कृष्ण ने सही ही कहा था परिवर्तन संसार का नियम है सो हम सभी अनुभव के साथ साथ अनुसरण भी कर रहे हैं।  कोरोना के बाद कि दुनिया एक अजीब हो जाएगी । लोग एक दुसरो से मिलना कम पसंद करेंगें। अधिकतर लोग टेक्नोलॉजी का उपयोग करेंगे मीटिंग आदि के लिए। यह दुनिया वालो की जोर अब एक नई सोच को अगाह देगा।

Temple

Krishna-Balaram Mandir is a Gaudiya Vaishnava temple in the holy city of Vrindavan. It is one of the main ISKCON temples in India and internationally.

मथुरा से 15 कि.मी. की दूरी पर वृन्दावन में भव्य एवं सुन्दर मंदिरों की बड़ी श्रृंखला इसे मंदिरों की नगरी बना देती है। मुख्य बाजार में बांके बिहारी जी का मंदिर सबसे अधिक लोकप्रिय है।

Image
वृन्दावन  मथुरा क्षेत्र में एक गांव है जो भगवान श्रीकृष्ण की लीला से जुडा हुआ है। यह स्थान श्री कृष्ण भगवान के बाल लीलाओं का स्थान माना जाता है। यह मथुरा से १५ किमी कि दूरी पर है। यहाँ पर श्री कृष्ण और राधा रानी के मन्दिरों की विशाल संख्या है। बिहारी जी का मंदिर बादामी रंग के पत्थरों एवं रजत स्तम्भों पर बना कारीगरी पूर्ण बांके बिहारी जी के मंदिर का निर्माण संगीत सम्राट तानसेन के गुरु स्वामी हरिदास ने करवाया था। जहां फूलों एवं बैंडबाजे के साथ प्रतिदिन आरती की जाती है जिसका दृश्य दर्शनीय होता है। मंदिर में दर्शन वैष्णव परम्परानुसार पर्दे में होते हैं। मंदिर भक्तगणों के दर्शन के लिए प्रातः 9 से 12 बजे तक एवं सायं 6 से 9 बजे तक मंदिर खुला रहता है।

संक्रमण और महामारी , Black Death(Plage)

Image
संक्रमण और महामारी ब्लैक डेथ ने लाखों लोगों की जान ले  ली, क्योंकि यह कई सौ वर्षों में प्रकट हुआ थाl इस समय की सामान्य समस्याओं में चेचक, कुष्ठ रोग और ब्लैक डेथ शामिल थे, जो समय-समय पर जारी रहे। 1665-1666 में, ब्लैक डेथ ने लंदन की  20 प्रतिशत  आबादी को मार डाला । जबकि ब्लैक डेथ एशिया से आया था, यूरोप से दुनिया के अन्य हिस्सों में जाने वाले लोगों ने कुछ घातक रोगजनकों का निर्यात भी किया।

good&bad results

The  definition of "as you sow ,  so you shall reap " is: if  you  did bad things in the past,  you will get bad results in the future. if  you  did good things in the past,  you  will get good results in the future. "as  you sow ,  so you shall reap "  means .

East and west different

India  is the birthplace of Hinduism, Buddhism, Jainism, Sikhism, and other  religions . They are collectively known as  Indian religions . ...  India  is one of the most religiously and ethnically diverse nations in the world, with some of the most deeply religious societies and  cultures . The  culture  of the United States of  America  is primarily of Western origin, but is influenced by a multicultural ethos that includes African, Native  American , Asian, Pacific Island, and Latin  American  people and their  cultures .

What Krisna Speeks.

Image
Krishna says:सुखे दुखे समेकृत्वा, लाभा लाभौ जया जयौ. इसका अर्थ है सुख दुख, लाभ हानि, जय अथवा पराजय को समान भाव से लेना चाहिए. इससे ही जुड़ी हुई एक और बहुत ही खूबसूरत बात है. जब अर्जुन का मन घबराया हुआ है. विचलित और दुविधा से भरा हुआ है. अर्जुन कृष्ण से कह रहे हैं, आप ही सर्वशक्तिमान हैं तो यह संघर्ष टाल क्यों नहीं देते. कृष्ण कहते हैं, मैं ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि मैं स्वयं भी प्रकृति के नियमों से बंधा हुआ हूंl

Immunity & medicine(biology, immunity is the balanced state of multicellular organisms having adequate biological defenses to fight infection, disease, or other unwanted biological invasion, while having adequate tolerance to avoid allergy, and autoimmune diseases.) (आपका इम्यून सिस्टम कैसे काम करता है?)एक व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर की सुरक्षा प्रणाली के रूप में काम करती है। यह एक व्यक्ति को संक्रमण और बीमारी को दूर करने में मदद करता है, और शरीर में प्रवेश करने वाली हर चीज को छानने के लिए जिम्मेदार है। प्रतिरक्षा प्रणाली कोशिकाओं, अंगों और प्रोटीन से युक्त होती है।

Image
                                                                         संयुक्त राज्य अमेरिका में हर साल शराब या नशीली दवाओं के दुरुपयोग से लाखों प्रभावित होते हैं। शायद लत के सबसे कम प्रभाव में से एक, हालांकि, यह है कि यह प्रतिरक्षा प्रणाली को कैसे प्रभावित करता है। पदार्थ प्रत्येक प्रतिरक्षा प्रणाली को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित करते हैं, लेकिन अधिकांश प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करने का काम करते हैं। यह एक आदी व्यक्ति को संक्रमण, बीमारी के संकुचन, और कमजोर अंगों से प्रभावित करता है//.            &   ट्    SUBSTANCE each   affect  the  immune  system in different ways, but most work to weaken the  immune  system. This puts an addicted individual at higher risk of infection, contraction of disease, and weaker organs which means a weakened filter system to fight the  effects of  substance Substanceseach  affect  the  immune  system in different ways, but most work to weaken the  immune  system. This puts an addicted individual at higher risk of infection, contraction o

Stress a& life

चिंता और चिता इन शब्दों में केवल एक बिन्दु का फ़र्क है | किंतु चिता निर्जीव शरीर को जलाती है, और चिंता जीवन को ही जलाती है | Most of us experience stress in our day to day life. It has become one of the biggest problems for us; more dangerous than cancer! Stress is adversely affecting everything; our working capacity, relations, physical and mental health. Stress has become one of the important factors in reducing our lifespan. Let us explore how Yoga and some of the natural Yogic ways can help us address this subtle yet daunting disease?

(प्रार्थना) ऊर्जा, शक्ति के साथ-साथ अच्छे-बुरे में अंतर समझाती है . Does Prayer Work and How to Pray? Prayer is one of the most powerful weapons God has given us. भगवान, मेरा दिल अराजकता और भ्रम से भरा है। मुझे ऐसा लगता है जैसे मैं अपनी परिस्थितियों में डूब रहा हूं और मेरा दिल भय और भ्रम से भर गया है। मुझे वास्तव में शक्ति और शांति चाहि.इ।

Image
Prayer activates divine principles which are imbibed in us. The way in which we pray can increase the effectiveness of a prayer. Prayer is an invocation or act that seeks to activate a rapport with an object of worship through deliberate communication. In the narrow sense, the term refers to an act of supplication or intercession directed towards a deity, or a deified ancestor very own perspective for this question is that prayer done without deep intention or or without intention could not help us to get rid out of anything. IF ONE DO KARMA, WHICH ONE SHOULD NOT THAN?                       Very own perspective for this question is that prayer done without deep intention or or without intention could not help us to get rid out of anything. Remember, Mother Nature is very kind, She is the epitome of kindness. We suffer because of our own faults and actions.
Yoga philsophy of Hinduism is thus all about mastering mind to achieving liberation. In Raja yoga it puts up paths to be followed in order to make the mind in harmony and if you think about it, it is very practical.

कृष्ण भक्त( मीरा)Mirabai,devotee of Krishna

Image
Mirabai मीराबाई, was a 16th-century Hindu mystic poet and devotee of Krishna. She is a celebrated Bhakti saint, particularly in the North Indian Hindu tradition. Mirabai was born into a Rajput royal family in Kudki, Pali district, Rajasthan, India then spent her childhood in Merta, Rajasthan. मीरा बाई एक मध्यकालीन हिन्दू आध्यात्मिक कवियित्री और कृष्ण भक्त थीं। वे भक्ति आन्दोलन के सबसे लोकप्रिय भक्ति-संतों में एक थीं। भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित उनके भजन आज भी उत्तर भारत में बहुत लोकप्रिय हैं और श्रद्धा के साथ गाये जाते हैं। मीरा का जन्म राजस्थान के एक राजघराने में हुआ था  ऐसा माना जाता है कि बहुत दिनों तक वृन्दावन में रहने के बाद मीरा द्वारिका चली गईं जहाँ सन 1560 में वे भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति में समा गईं।